जियेंगे तो दुनिया देखेंगे
मर गये तो क्या देखेंगे
लोग देखेंगे
हम तो नहीं देखेंगे
पैसा नहीं भी रहेगा तो
धुधली आँखे रहेंगी
और चल नहीं पाये तो
बैठे-बैठे देखेंगे
जो लोग चलेंगे
उनमे से कोई तो
हमारे पास से गुजरेंगे।
किसी बागीचे में फूल नहीं
तो सामने के खाली जगह पर
उगी घास देखेंगे
पेड़ पर बैठे चिड़िया न बैठे
उड़ते कौवे को देखेंगे ,
जो सुन्दर था न देख सकें
उन्हें कूड़ा होने पर देखेंगे
कुछ तो देखेंगे।
आँखे नहीं बचेगी तो
स्पर्श अनुभव करेंगे
कान नहीं रहेंगे
होने की हरकत महसूस करेंगे ,
हर हाल में जीना
बेहद खूबसूरत है
मरना बदसूरत तो नहीं है पर
मरना तो कुछ भी नहीं देखना है।
देखेंगे ईश्वर
नरक
और स्वर्ग
जीते ही
मरने से तो कुछ नहीं मिलता
न ईश्वर
न नरक
न स्वर्ग।
मर गये तो क्या देखेंगे
लोग देखेंगे
हम तो नहीं देखेंगे
पैसा नहीं भी रहेगा तो
धुधली आँखे रहेंगी
और चल नहीं पाये तो
बैठे-बैठे देखेंगे
जो लोग चलेंगे
उनमे से कोई तो
हमारे पास से गुजरेंगे।
किसी बागीचे में फूल नहीं
तो सामने के खाली जगह पर
उगी घास देखेंगे
पेड़ पर बैठे चिड़िया न बैठे
उड़ते कौवे को देखेंगे ,
जो सुन्दर था न देख सकें
उन्हें कूड़ा होने पर देखेंगे
कुछ तो देखेंगे।
आँखे नहीं बचेगी तो
स्पर्श अनुभव करेंगे
कान नहीं रहेंगे
होने की हरकत महसूस करेंगे ,
हर हाल में जीना
बेहद खूबसूरत है
मरना बदसूरत तो नहीं है पर
मरना तो कुछ भी नहीं देखना है।
देखेंगे ईश्वर
नरक
और स्वर्ग
जीते ही
मरने से तो कुछ नहीं मिलता
न ईश्वर
न नरक
न स्वर्ग।
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