Monday 3 March 2014

बूढ़ा देश

बच कर निकल गई 
हाथ आई जिंदगी 
मछली जैसे पकड़ में आई-आई 
फिसल गई। 
चुप चाप मृत्यु की  प्रतीक्षा में 
बैठा बूढ़ा आदमी
कब तक नाती-पोतो का मुँह देखता रहेगा 
दवाई और रोग 
पेट की कमजोरी 
हड्डियों का कड़कड़ापन 
और अतीत का बोझ 
वर्तमान में रहने नहीं देता। 
मेरा देश एक पुराना देश है 
जिसकी आँखों में चमक 
कभी-कभी आती है।   

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