Thursday 6 March 2014

भरोसे पर भरोसा

गैर भरोसे की दुनिया में भी 
आदमी को भरोसा करना ही पड़ेगा 
अपने हाथ पर भरोसा कि वह 
निवाले को मुँह तक ले जायेगा 
और अपने उत्सर्जन तंत्र का भरोसा 
कि वह वहिर्गमन करेगा ही 
अपने सांसों पर भरोसा 
कि वह चलेंगे 
और दिल और फेफड़े को मिलता  रहेगा 
आक्सीजन ,
रोटी ,आटे और नमक पर 
भरोसा करना पड़ेगा 
और बेवफा से बेवफा औरत पर 
यह भरोसा तो करना ही पड़ेगा 
कि यदि जनेगी तो वही जनेगी 
पुरुष जन नहीं सकता 
कोई बच्चा। 
आग पर भरोसा 
पानी पर भरोसा 
और अपने खुशियों या ग़मों पर भरोसा  
अब करना ही पड़ेगा आदमी को 
तो वह क्यों कहता रहेगा कि 
अब भरोसे के काबिल नहीं दुनिया। 

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