Sunday 6 April 2014

नाला



शहर में कई नाले हैं
जहाँ शहर का पानी
गन्दगी के साथ निकलता है
धोबी, नाऊ, भंगी,
कूड़े बीनने वाले लोगों
की तरह
ये गन्दगी से लड़ते हुए
पेशा करते हैं |
भले कोई पेशा नहीं करते,
पड़े रहते हैं, बहते हैं बहाते हैं |
शहर हमारा इन्ही नालों की कृपा से
साफ़, सुथरा है
नाला नाल, माडर्न साफ़-सुथरे लोगों के लिए
स्वर्ग मुहैया कराता है
अब देखिये न नाले का ईश्वरत्व
कि कितना स्वर्ग पैदा करता है
अपने चक्र के जीवन को जी कर |
नाला आदमी के भीतर का
वहिर्मुख आध्यात्म है
ये अंतरात्मा को शुद्ध और
ब्रह्म के अनुकूल बनाता है
पवित्र रहो
पादरी जब बोलता है
तो नाला हमारे भीतर का
थोड़ा और दबाव महसूस करता है |
टीचर जब   
बच्चों को कहता है
साफ़ कपड़े पहनो
डाक्टर जब मरीज को कहता है
साफ़-सफाई जरुरी है
वगैरह-वगैरह
नाले सक्रीय हो जाते हैं
कभी-कभी वे हड़ताल कर देते हैं
उनके पास उनका हाल लेने जाना पड़ता है
नाले भी मदद की दरख्वास्त करते हैं
कभी-कभी
और काम नहीं करते
हड़तालीकर्मचारियों की तरह |
नाले जरुरी आइटम हैं
आइटम बनने की इच्छा रखने वाली लड़कियां
और माडलों के लिए
मंदिरों के देवताओं के लिए
कालोनी बनाने वाले बिल्डरों के लिए |
मैं नालों का महात्म्य लिख रहा हूँ
आप यह न समझे
कि कोई कविता लिख रहा हूँ |

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