Tuesday 28 January 2014

पत्नी की स्मृति

तब मैं तुम्हे याद करता हूँ
जब कोई याद नहीं आता है 
पत्नी की याद 
भला कोई करता है ?
पत्नी घर में हो 
तो घर उसे याद नहीं करता 
उसी को धारण करता है 
घर दीवारों से 
भुजाओं के घेरे बनाता है क्या 
या पत्नी घर की भुजाओं में 
स्वतः चली आती है 
या कि उसी में नित्य विद्यमान रहती है। 
मैं घर की  तरह 
पत्नी को याद करता हूँ 
जो अपनी गृहस्थी की चिन्ता में 
अपने बच्चों के साथ 
अपनी आँखों और इच्छाओं के साथ 
झगड़ते हुए घर में नहीं है 
और घर उसकी प्रतीक्षा कर रहा है। 

No comments:

Post a Comment