शब्द छोटे हैं
हमारे अर्थ लेकिन बड़े।
शब्द सहारे
भाव के इस देवता के सामने
हाथ जोड़े खड़े।
शब्द अपने पैतरे जब-जब बदलते
अर्थ के आंसू उन्हें चुप करा देते हैं
कुछ नहीं होता
किसी के शब्द से
अर्थ से होता सभी कुछ
शब्द है निः सीम
लेकिन अर्थ इस निः सीमता को
आर्द्र करते हैं
अमृत का कलश रचते हैं।
हमारे अर्थ लेकिन बड़े।
शब्द सहारे
भाव के इस देवता के सामने
हाथ जोड़े खड़े।
शब्द अपने पैतरे जब-जब बदलते
अर्थ के आंसू उन्हें चुप करा देते हैं
कुछ नहीं होता
किसी के शब्द से
अर्थ से होता सभी कुछ
शब्द है निः सीम
लेकिन अर्थ इस निः सीमता को
आर्द्र करते हैं
अमृत का कलश रचते हैं।