Wednesday 19 February 2014

तीनों पीढियो में

बाबा की गोदी में 
बैठकर बाजार घूमने निकला 
पोता, बाबा से पूछता है -
बाबा गइया सड़क पर क्यों बैठी है ?
कुत्ता नाली के पास क्यों सो रहा है ?
गइया का घर नहीं है क्या ?
कुत्ते का कोई कमरा नहीं है क्या ?
अब बाबा क्या बतायें 
कि बहुत से आदमियों के पास भी घर नहीं है 
बहुत से आदमियों के पास भी कमरा नहीं है। 
वे इसी तरह पड़े रहते हैं 
यहाँ-वहाँ 
बैठे रहते हैं 
रात को सो जाते हैं 
सड़क पर बीनते हैं जिंदगी 
और बीनते-बीनते एक दिन 
मर जाते हैं। 

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