बाबा की गोदी में
बैठकर बाजार घूमने निकला
पोता, बाबा से पूछता है -
बाबा गइया सड़क पर क्यों बैठी है ?
कुत्ता नाली के पास क्यों सो रहा है ?
गइया का घर नहीं है क्या ?
कुत्ते का कोई कमरा नहीं है क्या ?
अब बाबा क्या बतायें
कि बहुत से आदमियों के पास भी घर नहीं है
बहुत से आदमियों के पास भी कमरा नहीं है।
वे इसी तरह पड़े रहते हैं
यहाँ-वहाँ
बैठे रहते हैं
रात को सो जाते हैं
सड़क पर बीनते हैं जिंदगी
और बीनते-बीनते एक दिन
मर जाते हैं।
बैठकर बाजार घूमने निकला
पोता, बाबा से पूछता है -
बाबा गइया सड़क पर क्यों बैठी है ?
कुत्ता नाली के पास क्यों सो रहा है ?
गइया का घर नहीं है क्या ?
कुत्ते का कोई कमरा नहीं है क्या ?
अब बाबा क्या बतायें
कि बहुत से आदमियों के पास भी घर नहीं है
बहुत से आदमियों के पास भी कमरा नहीं है।
वे इसी तरह पड़े रहते हैं
यहाँ-वहाँ
बैठे रहते हैं
रात को सो जाते हैं
सड़क पर बीनते हैं जिंदगी
और बीनते-बीनते एक दिन
मर जाते हैं।
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