उदास तो तिनका भी था
पर चुप था
हवा में हिल रहा था
मेरे मन से मगर मिल रहा था
उदास शाम भी
अकेली पथराई आँखों से
बादल के टुकड़े देख रही थी
पर मुझसे मिलने के पहले
कुछ कम उदास थी,
यह उदासी किसी खेत के सिवान पर
मेरे साथ मेरे जन्म के साथ पैदा हुई
बढ़ी और अब अधेड़ हो गयी है,
आज की शाम मैंने उसे
दर्पण में नहीं पानी में देखा
और जानना चाहा पहली बार
कि कौन-कौन उदास है,
उनको मैं प्यार कर पाऊँ बेहद
क्यों कि उनमे से किसी के द्वारा ही
तिनके की, शाम की उदासी
हंसी में शामिल होगी।
पर चुप था
हवा में हिल रहा था
मेरे मन से मगर मिल रहा था
उदास शाम भी
अकेली पथराई आँखों से
बादल के टुकड़े देख रही थी
पर मुझसे मिलने के पहले
कुछ कम उदास थी,
यह उदासी किसी खेत के सिवान पर
मेरे साथ मेरे जन्म के साथ पैदा हुई
बढ़ी और अब अधेड़ हो गयी है,
आज की शाम मैंने उसे
दर्पण में नहीं पानी में देखा
और जानना चाहा पहली बार
कि कौन-कौन उदास है,
उनको मैं प्यार कर पाऊँ बेहद
क्यों कि उनमे से किसी के द्वारा ही
तिनके की, शाम की उदासी
हंसी में शामिल होगी।
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