मिल गए अचानक
सत्संगी
कहने लगे
मैंने छोड़ दिया भोजन में
दूध का सेवन
और दूध से बने भोजनो का स्वाद
लहसुन प्याज तो पहले से
छोड़ दिया था ,
वे वैष्णव थे
वैष्णव होने का उन्हें गर्व था ,
मैंने उनसे कहा
कब छोड़ेंगे
इर्ष्या और द्वेष
लोभ और हिंसा
कब छोड़ेंगे
दूसरे का घर देखकर
कुढ़ना
और कब छोड़ेंगे
एक छोटा सा विश्वास
जो कभी-कभी छोड़ते हैं
अपने से गरीब आदमी को देखकर ,
वे कुछ तैश में आ गये
मैंने उनका संग
थोड़ी देर तक के लिए छोड़ दिया।
हाय मैंने तो कोशिश की थी
पर कहाँ मिल पाया
मुझे सत्संग।
सत्संगी
कहने लगे
मैंने छोड़ दिया भोजन में
दूध का सेवन
और दूध से बने भोजनो का स्वाद
लहसुन प्याज तो पहले से
छोड़ दिया था ,
वे वैष्णव थे
वैष्णव होने का उन्हें गर्व था ,
मैंने उनसे कहा
कब छोड़ेंगे
इर्ष्या और द्वेष
लोभ और हिंसा
कब छोड़ेंगे
दूसरे का घर देखकर
कुढ़ना
और कब छोड़ेंगे
एक छोटा सा विश्वास
जो कभी-कभी छोड़ते हैं
अपने से गरीब आदमी को देखकर ,
वे कुछ तैश में आ गये
मैंने उनका संग
थोड़ी देर तक के लिए छोड़ दिया।
हाय मैंने तो कोशिश की थी
पर कहाँ मिल पाया
मुझे सत्संग।
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