Thursday 6 March 2014

बच्चे

बच्चे आते हैं पास 
और ऐसा कोई प्रश्न करते हैं 
जो उत्तर के रूप में 
केवल बच्चे को और अधिक 
बिम्ब में बदल देते हैं 
बच्चा प्रश्न करते समय 
बच्चा नहीं होता 
पर जब भी आप बच्चे को 
प्रश्न करते देखते हैं 
तो वो बच्चा ही रहता है 
उसके छोटे-छोटे हाथ 
छोटा सा मुँह 
और छोटी-छोटी 
पगध्वनियाँ 
सयानों कि छाती में 
संगीत की तरह प्रबंध करती हैं 
बच्चा नायाब है दुनिया में 
सृजन का इससे अच्छा 
उदहारण नहीं मिलेगा 
कला की दुनिया में।  

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