Thursday 27 February 2014

हारे हुए लोग बरक्स जीते हुए लोग

जीते हुए लोग 
ऊचे और ऊचे 
सिंहासनो पर 
बैठते गए 
पर देखो न चमत्कार 
बचे हुए लोग 
बहुसंख्यक थे। 
हारे हुए लोग 
खुश नहीं है अपनी हार पर 
पर इक्ट्ठा तो हैं 
और सिंहासनो पर बैठे लोगों की 
तरह उस तरह ईर्ष्या में भी नहीं हैं। 
ईर्ष्या और द्वेष 
मद और मत्सर 
हमेशा जीते हुए लोगों में ज्यादा होता है 
क्यों कि वे इक्ट्ठे नहीं होते 
हारे हुए लोग 
एक साथ होते हैं हर हार के बाद 
और थोड़े समय का दुख 
मनाने के बाद 
वे हमेशा आपस में डूब जाते हैं। 

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