Monday 3 February 2014

चेहरा चेहरा खिल जाय

चेहरा चेहरा फूल खिले 
तो मन को शान्ति मिले। 

मलिन उदासी हर जाय 
तो मन को शांति मिले। 

भूखे को भोजन मिल जाय 
रोगी को उपचार 
किसी दिगंबर का कपड़ा सिल जाय 
तो शान्ति मिले। 

दुखी दीन के घर में भी 
यदि महक उठे भोजन की 
पल्लिक प्रेसों पर भी 
यदि सुविधा सम्मान मिले। 

देहाती से भी कोई यदि 
ठाट-बाट का दे दे न्योता 
मधुर भाव से बाते करे 
तो मन को शान्ति मिले 

हवा, दूध, पानी, पथ 
प्राणी-प्राणी प्राप्त करे 
खाना का सामान सभी को 
श्रम से सुलभ रहे 
ऊँच-नीच का भेद मिटे 
तो मन को शान्ति मिले 

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