देखिये यह रात
कैसे बीतती है
दिन बिताना नही पड़ता
रात के संग
बात वैसी नही होती।
देखिये यह लाश है
इसे ढोना बहुत मुश्किल है
जिंदगी के संग
वैसी बात प्रायः नही होती।
देखिये
यह बात
दर्शन की नहीं
रोटी-नमक की है
गजल, गीतो की नहीं
इसको न ले और बातों की तरह
और बातों की तरह
यह बात शायद नही।
कैसे बीतती है
दिन बिताना नही पड़ता
रात के संग
बात वैसी नही होती।
देखिये यह लाश है
इसे ढोना बहुत मुश्किल है
जिंदगी के संग
वैसी बात प्रायः नही होती।
देखिये
यह बात
दर्शन की नहीं
रोटी-नमक की है
गजल, गीतो की नहीं
इसको न ले और बातों की तरह
और बातों की तरह
यह बात शायद नही।
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