अनंत जी की कविताएँ
Sunday 26 January 2014
एक अनुभव यह भी
ज्यादातर आदमी पागल होतें हैं
शेष उनसे ज्यादा ही।
निर्दोष या तो बच्चे हैं
या मुर्ख।
औरतें सिर्फ प्रतीक्षा करती हैं।
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