Sunday 26 January 2014

इच्छाएँ

१-
इच्छाएँ अजगर की तरह 
पहले लपेटती हैं 
फिर पोर पोर को 
चूर चूर कर 
निगल जाती हैं। 
अस्तित्व खुशबू सा नहीं बचता 
अस्थियाँ जरुर शेष रह जाती हैं। 


२ -प्यार में 
प्यार में कूद पड़ने की इच्छा थी 
कुएँ ही प्यासे थे। 


३- आँखे 
खुबसूरत थीं 
बिना बुलाये बोलती थीं। 



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