जीने के मार्ग पर
तुम्हारी स्मृतियों के पड़ाव
ज्यादातर उदास करते हैं
पर सोचता हूँ कि
यदि ये पड़ाव नहीं होते
तो रास्ता कितना लम्बा लगता
क्यों कि मंजिले नहीं होतीं
ज्यादातर दुनिया में
सिर्फ रास्ते होते हैं।
तुम्हारी स्मृतियों के पड़ाव
ज्यादातर उदास करते हैं
पर सोचता हूँ कि
यदि ये पड़ाव नहीं होते
तो रास्ता कितना लम्बा लगता
क्यों कि मंजिले नहीं होतीं
ज्यादातर दुनिया में
सिर्फ रास्ते होते हैं।
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