यह दुपहरी
तुम हमारे पास आ जाओ
तो हो जाये सुनहरी
अन्यथा चुप है ,
तुम्हे शायद चाहती है
पास में
यह दुपहरी
दिख रही है
बाहर सड़क तक
भागते हैं लोग जैसे
छोड़ कर चले जाने के लिए
जिंदगी का नरक ,
यह दुपहरी है
मुझे आवाज देकर
पास आई है
और अपने साथ
गौरैया मिहनती
पकड़ लायी है ,
व्यस्त गौरैया
फुदकती है चटकती है
तुम इसी बेला चले आते तो
लग जाती कचहरी।
तुम हमारे पास आ जाओ
तो हो जाये सुनहरी
अन्यथा चुप है ,
तुम्हे शायद चाहती है
पास में
यह दुपहरी
दिख रही है
बाहर सड़क तक
भागते हैं लोग जैसे
छोड़ कर चले जाने के लिए
जिंदगी का नरक ,
यह दुपहरी है
मुझे आवाज देकर
पास आई है
और अपने साथ
गौरैया मिहनती
पकड़ लायी है ,
व्यस्त गौरैया
फुदकती है चटकती है
तुम इसी बेला चले आते तो
लग जाती कचहरी।
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