सुबह-सुबह
चाय की चिंता
घर में कुहराम की चिंता
आ गए हित-नात की चिंता
बढ़ रहे कर्ज की चिंता
बेटे की रोजगार की चिंता
बेटी के ब्याह की चिंता
गिर रही दीवार की चिंता
पेड़ नहीं छतनार की चिंता
छोटी-छोटी इच्छाएँ
छोटी-छोटी बातें
प्यार भी दाल-रोटी की तरह
उसे भी बनाये रहने की चिंता।
बड़े लोग मिल गए
तो हसने की विवशता
अपने से भी गरीबों को देखकर
कुछ ज्यादा घबड़ाये रहने की चिंता
देश की खबर में अपनी खबर
कभी न मिलने की चिंता।
छोटी-छोटी बातें
प्यार भी दाल-रोटी की तरह
उसे भी बनाये रहने की चिंता।
बड़े लोग मिल गए
तो हसने की विवशता
अपने से भी गरीबों को देखकर
कुछ ज्यादा घबड़ाये रहने की चिंता
देश की खबर में अपनी खबर
कभी न मिलने की चिंता।
No comments:
Post a Comment