वह चेहरा
एक दूसरा गुलाब न था
वह, वह हो सकता था
काश, उसे खिलने दिया जाता।
मैंने माली से पूछा
क्यों नहीं देते खिलने
उस गुलाब को
माली चेहरे को गुलाब नही मानता
हंसता है, इतने गुलाब खिले हैं
एक अनखिला रह जाये
तो क्या फर्क पड़ता है।
एक दूसरा गुलाब न था
वह, वह हो सकता था
काश, उसे खिलने दिया जाता।
मैंने माली से पूछा
क्यों नहीं देते खिलने
उस गुलाब को
माली चेहरे को गुलाब नही मानता
हंसता है, इतने गुलाब खिले हैं
एक अनखिला रह जाये
तो क्या फर्क पड़ता है।
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