Sunday 2 February 2014

सपना सच मानती है औरत

वह औरत सपने में रहती है 
कभी भी कर लेती है 
आँखे बंद ,
सपने में यार से मिलती है 
बिछुड़ती है। 
सपने के बाहर एक भीतरी दुनिया है 
उसके यार भी हैं 
रिश्तेदार भी 
वह उनसे न मिलती है 
न बातें करती है। 


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